इंडियन एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलोजी का वार्षिक सम्मेलन जेएन मेडिकल कालिज में शुरू
अलीगढ़, 4 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित इंडियन एसोसिएशन ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट (यूपी-यूके चैप्टर) के 18वें वार्षिक सम्मेलन में चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षकों, शिक्षाविदों और विषय विशेषज्ञों ने प्रासंगिक विषयों पर विचार-विमर्श किया।
अपने उद्घाटन भाषण में मुख्य अतिथि, एएमयू के कुलपति, प्रोफेसर तारिक मंसूर ने सम्मेलन पूर्व कार्यशालाओं के आयोजन और और इस सम्मेलन में 300 से अधिक प्रतिनिधियों को एक साथ लाने के लिए जेएनएमसी के माइक्रोबायोलॉजिस्ट के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन बड़े शैक्षणिक लाभ के लिए सीखने और सहयोग का अवसर प्रदान करते हैं।
अपनी अध्यक्षीय टिप्पणी में, डीन, मेडिसिन संकाय, प्रो वीणा माहेश्वरी ने कहा कि दो दिवसीय आयोजन प्रतिभागियों को उन विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है जो सूक्ष्म जीव विज्ञान, विशेषकर विषयवस्तु ‘वायरस के युग में जीवाणु विज्ञान की भूमिका’ के क्षेत्र में हाल ही में हुई प्रगति के लिए प्रासंगिक हैं।
जेएन मेडिकल कालिज प्राचार्य एवं सीएमएस प्रोफेसर राकेश भार्गव ने कोविड के दौरान माइक्रोबाइलोजी विभाग में हुई टेस्टिंग पर चर्चा की।इससे पूर्व, अपने स्वागत भाषण में प्रोफेसर हारिस एम खान (आयोजन अध्यक्ष) ने सम्मेलन की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला और रिसोर्स पर्सन का परिचय दिया। आईएएमएम (यूपी-यूके) के सचिव प्रोफेसर रुंगमेई एस के मारक ने संघ की एक संक्षिप्त अकादमिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
डॉ नाजिश फातिमा (सह-आयोजन अध्यक्ष और माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष) ने बैक्टीरियोलॉजी और संबंधित क्षेत्रों के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि वे कैसे परस्पर जुड़े हुए हैं। डॉ फातिमा खान (संगठन सचिव) ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डा. भासवती ने किया।