एएमयू शिक्षिका डा. फायजा अब्बासी प्रतिष्ठित निशान-ए-उर्दू पुरस्कार से सम्मानित
अलीगढ़ 26 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के यूजीसी मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (एमएमटीटीपी) की निदेशक डॉ. फायजा अब्बासी को उत्तर प्रदेश सरकार के फखरुद्दीन अली अहमद स्मारक समिति द्वारा प्रतिष्ठित निशान-ए-उर्दू पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह पुरस्कार समारोह लखनऊ में राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन हिंदी संस्थान के प्रेमचंद सभागार में आयोजित समारोह के दौरान प्रदान किया गया।
निशान-ए-उर्दू पुरस्कार उन हस्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने भारत में उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो और उन्हें उर्दू से न तो रोजगार मिला हो और न ही उन्होंने उर्दू माध्यम से पढ़ाई की हो। डॉ. फायजा अब्बासी को उर्दू भाषा में उनके योगदान के लिए चयनित किया गया, इस तथ्य के बावजूद कि उनके पास वन्यजीव विज्ञान में पीएचडी की डिग्री है और वह खलीक अहमद निजामी कुरानिक अध्ययन केंद्र, एएमयू में स्नातक छात्रों को शिया और सुन्नी धर्मशास्त्र और कुरानिक पर्यावरण नैतिकता की शिक्षा दे रही हैं, जो मुख्य रूप से मदरसों के छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करता है।
डॉ. अब्बासी ने शैक्षिक, वैज्ञानिक और साहित्यिक विषयों पर उर्दू में पांच पुस्तकों का लेखन, संपादन और अनुवाद किया है और नियमित रूप से तहजीब उल अखलाक और फिक्र-ओ-नजर सहित उर्दू पत्रिकाओं के लिए लिखती रही हैं। वह जश्न-ए-रेख्ता की भी मेजबानी कर चुकी हैं और उन्होंने उर्दू साहित्यिक संध्याओं, स्वैच्छिक उर्दू भाषा कक्षाओं का आयोजन किया है और गैर-मुस्लिम उर्दू कवियों के योगदान पर व्याख्यान दिए हैं।
उन्हें श्री एस एन लाल, संयोजक और जितेंद्र कुमार, भाषा के अतिरिक्त सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में श्री अब्बास अली मेहंदी, कुलपति, एरा विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा सम्मानित किया गया।