एएमयू में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर कार्यक्रम

एएमयू में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर कार्यक्रम

अलीगढ़ 27 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, कॉलेजों और स्कूलों में 26 जून को मनाये जाने वाले नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किये गए जिसका उद्देश्य छात्रों में नशीले पदार्थों से दूर रहने और अवैध नशीली दवाओं के व्यापार के दुष्चक्र के खिलाफ सतर्क रहने के लिए जागरूकता पैदा करना था।

डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज और अस्पताल में पिछले दस दिनों में ई-प्रतिज्ञा अभियान, नारा लेखन प्रतियोगिता, स्किट और जागरूकता अभियान सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन करके इस दिवस को मनाया गया। ई-प्रतिज्ञा अभियान द्वारा शिक्षकों और छात्रों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ प्रतिज्ञा लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। ‘नशे को ना कहें, जीवन को हाँ’ नारे के साथ एक व्यक्तिगत प्रतिज्ञा लिंक वितरित किया गया, और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए गए।

पीरियोडोन्शिया और सामुदायिक दंत चिकित्सा विभाग के सार्वजनिक स्वास्थ्य दंत चिकित्सा अनुभाग से सम्बद्ध स्नातक छात्रों और प्रशिक्षुओं ने ‘साक्ष्य स्पष्ट हैः रोकथाम में निवेश करें’ विषय पर एक नारा-लेखन गतिविधि में भाग लिया।

इसके अतिरिक्त छात्रों के एक समूह ने सम्मेलन कक्ष में एक नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें विशेष रूप से किशोरों के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों पर प्रकाश डाला गया।

युवाओं के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग का मुकाबला करने और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने में सहयोगी प्रयासों के महत्व को रेखांकित करते हुए, प्राचार्य, प्रोफेसर आर.के. तिवारी ने पीरियोडोन्शिया और सामुदायिक दंत चिकित्सा विभाग की अध्यक्ष, प्रोफेसर नेहा अग्रवाल, डॉ. प्रमोद के यादव और डॉ. सैयद अमान अली सहित आयोजकों की कड़ी मेहनत की सराहना की।

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग में विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर सैयद जियाउर रहमान द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। उन्होंने इस दिवस के महत्व पर विस्तार से चर्चा की तथा मॉर्फिन की लत के पशु मॉडल पर अपने अध्ययन को साझा किया। उन्होंने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के परिणामों तथा इसके सामाजिक, आर्थिक और चिकित्सीय प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया। बाद में, उन्होंने रेजिडेंट डॉक्टरों, प्रशिक्षुओं और कर्मचारियों को ई-शपथ लेने के लिए प्रेरित किया।

Vplnews

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