एएमयू के प्रोफेसर ने दिया मुख्य भाषण, प्राप्त किया ‘सर्वश्रेष्ठ पेपर अवार्ड’
अलीगढ़, 30 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पुस्तकालय और सूचना विज्ञान विभाग के प्रोफेसर नौशाद अली पीएम ने मुक्त शिक्षा संसाधनों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उच्च शिक्षण संस्थानों में मुक्त शिक्षा संसाधन (ओईआर) विकसित करने की आवश्यकता पर चर्चा की तथा मनोनमनियम सुंदरनार (एमएस) विश्वविद्यालय, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु में उन्हें ‘भारत में कोविड-19 महामारी के दौरान पुस्तकालय और सूचना विज्ञान के छात्रों के बीच अकादमिक तनाव और इसके मुकाबला तंत्र का आकलन’ पर शोध के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार’ भी मिला।
उन्होंने डॉ शराफ ज़ेहरा और प्रिया वैद्य के साथ लिखे गए पेपर के लिए एमएस यूनिवर्सिटी, वाइस चांसलर, प्रो एन चंद्रशेखर से पुरस्कार प्राप्त किया।
एमएस यूनिवर्सिटी और इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के संयुक्त सम्मेलन में मुख्य भाषण में प्रो नौशाद ने ओईआर के समर्थन के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहल पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि ओईआर शिक्षण, सीखने और शोध सामग्री हैं जो या तो सार्वजनिक डोमेन में हैं या लाइसेंस के तहत प्रकाशित किए गए हैं जो उनके अप्रतिबंधित उपयोग, बिना लागत के उपयोग और दूसरों द्वारा पुनर्वितरण की अनुमति देता है।
प्रो नौशाद ने बताया कि ओईआर की परेशानी मुक्त पहुंच डिजिटल विभाजन को समाप्त कर रही है और महामारी फैलने के बाद से इसका महत्व नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है।
उन्होंने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में ओईआर के उपयोग की अनुमति देने का आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के कदम से एक सूचित और समावेशी ज्ञान समाज के निर्माण में मदद मिलेगी।
प्रोफेसर नौशाद ने कहा कि ओईआर के व्यापक कार्यान्वयन से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कम असमानता और उपयोगी भागीदारी के लिए सतत विकास लक्ष्यों के संयुक्त राष्ट्र 2030 के एजेंडे को हासिल करने में भी मदद मिलेगी।