विज्ञान - स्वास्थ्य Archives - VPL News https://www.vplnews.com/category/science-health/ Aligarh News | Local News | Hathras News | Crime News | Latest News | Breaking News | Headlines Tue, 29 Oct 2024 12:36:21 +0000 en-US hourly 1 https://i0.wp.com/www.vplnews.com/wp-content/uploads/2022/10/cropped-site.png?fit=32%2C32&ssl=1 विज्ञान - स्वास्थ्य Archives - VPL News https://www.vplnews.com/category/science-health/ 32 32 211219479 गलत आदतों से बढ़ रहा है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा: न्यूरोसर्जन नागेश वार्ष्णेय https://www.vplnews.com/2233-2brain-stroke-is-increasing-due-to-bad-habits-neurosurgeon-nagesh-varshney/ https://www.vplnews.com/2233-2brain-stroke-is-increasing-due-to-bad-habits-neurosurgeon-nagesh-varshney/#respond Tue, 29 Oct 2024 12:31:50 +0000 https://www.vplnews.com/?p=2233 अलीगढ़ न्यूज़: ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी से बचाव के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के

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अलीगढ़ न्यूज़: ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी से बचाव के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए प्रतिवर्ष 29 अक्टूबर को ब्रेन स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है। आशा ब्रेन एण्ड स्पाइन सेंटर रामघाट रोड़ के वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉक्टर नागेश वार्ष्णेय ने जनजागरूकता से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि आजकल चिकित्सक ब्रेन स्ट्रोक को ब्रेन अटैक ज्यादा कहते हैं, जिससे आम जनता में जागरूकता आए। दिमागी आघात पूरी दुनिया में मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण है और लगभग 62 लाख लोगों की हर साल इसके कारण मृत्यु होती है।

उन्होंने बताया कि दिमाग का पक्षाघात दो प्रकार से होता है।जिनमें खून की नस का सूखना और खून की नस का फटना मुख्य कारण हैं, जबकि प्रत्येक व्यक्ति को पक्षाघात के जोखिम होते हैं।  प्रथम जिसको बदल नहीं सकते उनमें आयु, पुरुष वर्ग और पारिवारिक इतिहास शामिल है। जबकि हृदय की बीमारी, धूम्रपान, शराब, मधुमेह नियंत्रण, तेल चिकनाई, वसायुक्त भोजन, रक्तचाप नियंत्रण इसके बदलने लायक कारक हैं।
ट्रांजिएट इस्कीमिक आघात में यह लक्षणों के लघु रूप हैं जबकि यह कुछ मिनट से 24 घंटे तक रहते हैं। यह स्थाई अक्षमता नहीं बनाते किंतु यह आने वाली गंभीर बीमारियों के प्रति गंभीर चेतावनी होती है और इससे पीड़ित हुए एक तिहाई लोगों को पक्षाघात आने की संभावना रहती है।

वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉक्टर नागेश वार्ष्णेय ने इसके लक्षण तथा बचाव की जानकारी भी दी।

पक्षाघात के लक्षण- चेहरे, हाथ-पैर में कमजोरी आना, बोलने और समझने में कठिनाई, आंखों से देखने में दिक्कत, बहुत तेज सिरदर्द, चक्कर आना, संतुलन खोना जैसे लक्षण होने पर अच्छे चिकित्सक से मिलकर उचित इलाज कराना चाहिए।

बचाव के तरीके- समुचित फाइबर वाला भोजन,फलियां, मटर, हरी सब्जियां, ज्यादा शक्कर, लाल मांस, कम नमक, शराब का सेवन न करके, आदर्श वजन बनाकर व नियमित व्यायाम करके इसके खतरे को टाला जा सकता है साथ ही हाथ पैरों की कमजोरी के लिए नियमित फिजियोथैरेपी होनी चाहिए।

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यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल द्वारा हृदय स्वास्थ्य जागरूकता के लिए वॉकाथॉन का आयोजन https://www.vplnews.com/2212-2walkathon-organized-for-heart-health-awareness-by-yatharth-super-specialty-hospital/ https://www.vplnews.com/2212-2walkathon-organized-for-heart-health-awareness-by-yatharth-super-specialty-hospital/#respond Sun, 29 Sep 2024 13:56:04 +0000 https://www.vplnews.com/?p=2212 अलीगढ़, 29 सितंबर 2024: यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, ओमेगा-1, ग्रेटर नोएडा ने आज अलीगढ़ में

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अलीगढ़, 29 सितंबर 2024: यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, ओमेगा-1, ग्रेटर नोएडा ने आज अलीगढ़ में हृदय स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए वॉकाथॉन का आयोजन किया। ‘#चलता_रहे_मेरा_दिल’ शीर्षक से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में हृदय रोगों की बढ़ती समस्या पर प्रकाश डालना और सरल जीवनशैली में बदलावों के जरिए हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाना था।

इस वॉकाथॉन का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री मृगांक शेखर पाठक (आईपीएस) – पुलिस अधीक्षक-अलीगढ़ और विशिष्ट अतिथियों में श्री संजय मिश्रा-एसीएम अलीगढ़, डॉ. नीरज त्यागी- मुख्य चिकित्सा अधिकारी-अलीगढ़, डॉ. राजीव वार्ष्णेय – अध्यक्ष, आईएमए, अलीगढ़, डॉ. शशि शर्मा-अध्यक्ष लायंस क्लब द्वारा प्रातः 6:00 बजे महारानी अहिल्याबाई होल्कर स्पोर्ट्स स्टेडियम, रामघाट रोड, अलीगढ़ में किया गया।

इस आयोजन में 800 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें स्थानीय आवासीय सोसायटियों के निवासी और वरिष्ठ नागरिक शामिल थे। सभी उपस्थित प्रतिभागियों को नि:शुल्क टी-शर्ट और जलपान प्रदान किया गया, साथ ही विजेताओं को साइकिल जैसे आकर्षक पुरस्कार भी दिए गए। इसके अलावा, सभी प्रतिभागियों को हृदय स्वास्थ्य जांच के लिए मुफ्त कूपन भी वितरित किए गए।

वॉकाथॉन के बाद, ज़ुम्बा सत्र का आयोजन किया गया और ‘हृदय स्वास्थ्य’ पर एक इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किया गया, जिसे यथार्थ ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के सहायक चिकित्सा निदेशक डॉ. सुनील कुमार बलियान, यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, ओमेगा-1 ग्रेटर नोएडा से डॉ. अजीत सिंह-सलाहकार- कार्डियोलॉजी और डॉ. अरुण शर्मा ने संबोधित किया। चर्चा में नियमित शारीरिक गतिविधि, संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व को हृदय रोगों की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण बताया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री मृगांक शेखर पाठक (आईपीएस) – पुलिस अधीक्षक-अलीगढ़ ने कहा, “मैं यथार्थ ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के प्रयासों की सराहना करता हूं, जिन्होंने इस आयोजन के माध्यम से विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया है। छोटे-छोटे जीवनशैली में बदलाव जानलेवा जोखिमों को कम कर सकते हैं। आज की तेज रफ्तार जीवनशैली, काम का अत्यधिक दबाव और सोशल मीडिया की व्यापकता हमारे स्वास्थ्य पर अप्रत्याशित असर डाल रही है, जिसका हमें एहसास भी नहीं होता। यह आवश्यक है कि हम रुककर अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ आदतों को शामिल करें ताकि हम अपने दिल और समग्र स्वास्थ्य की सुरक्षा कर सकें।”

यथार्थ ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के सहायक चिकित्सा निदेशक डॉ. सुनील कुमार बलियान ने कहा, “हृदय रोगों के मामले बढ़ रहे हैं, जिसका मुख्य कारण खराब और निष्क्रिय जीवनशैली है, और यह चिंताजनक है कि कई भारतीय अभी भी हृदयाघात के शुरुआती लक्षणों से अनभिज्ञ हैं। इस तरह के सार्वजनिक आयोजन, जैसे यह वॉकाथॉन, जागरूकता फैलाने और लोगों को हृदयाघात की रोकथाम व इससे बचाव के तरीकों के बारे में शिक्षित करने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।”

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में 2.8 मिलियन से अधिक लोग हृदय रोग के जोखिम में हैं, जिनमें से अधिकांश इस बात से अनजान हैं कि उनकी लापरवाह आदतें उनके हृदय स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही हैं। हृदय रोगों की रोकथाम का सबसे सरल तरीका है निष्क्रिय जीवनशैली और मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप को बढ़ावा देने वाले खानपान से बचना।

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मिनिमली इनवेसिव तकनीक – हार्ट सर्जरी का भविष्य: डॉ. अखिल कुमार रुस्तगी https://www.vplnews.com/minimally-invasive-techniques-future-of-heart-surgery-dr-akhil-kumar-rustagi/ https://www.vplnews.com/minimally-invasive-techniques-future-of-heart-surgery-dr-akhil-kumar-rustagi/#respond Tue, 06 Aug 2024 10:43:56 +0000 https://www.vplnews.com/?p=2150 वीपीएल न्यूज़: मिनिमली इनवेसिव तकनीकें दिल की देखभाल में बड़ा बदलाव ला रही हैं। खासकर,

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वीपीएल न्यूज़: मिनिमली इनवेसिव तकनीकें दिल की देखभाल में बड़ा बदलाव ला रही हैं। खासकर, मिनिमली इनवेसिव एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट तकनीक, जो खराब हुए हार्ट वाल्व को बदलने के लिए इस्तेमाल होती है, जो दिल की देखभाल का तरीका बदल रही है। भारत में हर साल लगभग 300,000 हार्ट सर्जरी होती हैं, इसलिए यह तकनीक बहुत महत्वपूर्ण है ।

पहले, खराब एओर्टिक वाल्व की मरम्मत या बदलने का तरीका ओपन-हार्ट सर्जरी होती थी। इसमें बड़े चीरे लगते थे, ठीक होने में ज्यादा समय लगता था और शरीर को बहुत नुकसान भी होता था। लेकिन अब मिनिमली इनवेसिव तकनीक के आने से, दिल के डॉक्टर छोटे चीरे के जरिए सर्जरी कर सकते हैं, जिससे कई फायदे मिलते हैं।

डॉ. अखिल कुमार रुस्तगी, डायरेक्टर और हेड – कार्डियोथोरेसिक और वस्कुलर सर्जरी, यथार्थ हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा कहते हैं, “मिनिमली इनवेसिव तकनीकें हार्ट सर्जरी के क्षेत्र में क्रांति ला रही हैं। इन तकनीकों से मरीजों को कम दर्द होता है, वो तेजी से रिकवरी करते हैं और उन्हें बेहतर जीवन गुणवत्ता मिलती है। हम भविष्य में और भी बेहतर तकनीकों की उम्मीद कर सकते हैं जो दिल के देखभाल को और अधिक प्रभावी बनाएंगी।”

मिनिमली इनवेसिव एओर्टिक वाल्व सर्जरी आमतौर पर छोटे चीरे के माध्यम से दिल तक पहुंचने में शामिल होती है, जो अक्सर स्टर्नोटॉमी (जहां ब्रेस्टबोन को अलग किया जाता है) के बजाय, रिब्स के बीच किया जाता है । इस तरीके से सर्जनों को विशेष उपकरण और बेहतर इमेजिंग तकनीक जैसे वीडियो-असिस्टेड थोरैकोस्कोपिक सर्जरी (VATS) या रोबोट-असिस्टेड सर्जरी का उपयोग करके दिल पर काम करने की अनुमति मिलती है।

मिनिमली इनवेसिव एओर्टिक वाल्व सर्जरी का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह आसपास के टिश्यू और अंगों पर नुक़सान को कम कर सकता है। बड़े चीरे और ब्रेस्टबोन को अलग करने की आवश्यकता से बचते हैं। मरीजों को कम दर्द होता है और संक्रमण का खतरा भी कम होता है, साथ ही, ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में तेजी से रिकवरी होती है।

रोगी के परिणामों में, मिनिमली इनवेसिव तकनीक साधारण ओपन-हार्ट सर्जरी के मुकाबले उतनी ही असरदार है और वाल्व रिपेयर या वाल्व बदलने के लंबे समय के असर में भी समान है। मिनिमली इनवेसिव प्रक्रियाओं से गुजरने वाले रोगी, कम दर्द और जल्दी ठीक होने के कारण ज्यादा संतुष्ट रहते हैं। इस तकनीक से छोटे निशान भी होते हैं, जो मानसिक रूप से भी अच्छा लग सकता है।

अधिकतर रोगी जल्दी से अपनी सामान्य दिनचर्या और जीवन में लौट सकते हैं। यह खासकर अधिक उम्र वाले लोगों और जिन्हे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं, उनके लिए लाभकारी है, क्योंकि उन्हें रिकवरी समय के दौरान ज्यादा खतरा होता है।

हार्ट सर्जरी में लगातार मिनिमली इनवेसिव तकनीकों को सुधारा जा रहा है। इसका मकसद है कि रोगियों के लिए बेहतर परिणाम मिलें और इन प्रक्रियाओं का उपयोग बढ़े। नई इमेजिंग तकनीक, रोबोट्स, और सर्जिकल उपकरणों के साथ हमेशा नए तरीके बन रहे हैं, जो दुनियाभर के रोगियों के लिए फायदेमंद हैं। मिनिमली इनवेसिव एओर्टिक वाल्व सर्जरी दिल के देखभाल में एक महत्वपूर्ण सुधार है।

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जेएन मेंडिकल कालिज में विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस मनाया गया https://www.vplnews.com/2129-2world-plastic-surgery-day-celebrated-in-jn-medical-college/ https://www.vplnews.com/2129-2world-plastic-surgery-day-celebrated-in-jn-medical-college/#respond Mon, 15 Jul 2024 12:57:48 +0000 https://www.vplnews.com/?p=2129 अलीगढ, 15 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालिज के प्लास्टिक सर्जरी

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अलीगढ, 15 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालिज के प्लास्टिक सर्जरी विभाग द्वारा विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस के अवसर पर विभाग में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें एसोसिएशन आफ प्लास्टिक सर्जरी आफ इंडिया के निर्वाचित अध्यक्ष जीएसएम हास्पिटल वाराणसी के डा सुबोध कुमार सिंह शामिल हुए। अपने स्वागत भाषण में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डा. एम.एफ. खुर्रम, ने प्लास्टिक सर्जरी और समाज में इसके योगदान के बारे में बताया। विभाग के वरिष्ठ रेजिडेंट्स डा नेहा रहमान व डा रूपराज द्वारा क्यूरेटेड और संकलित एक डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया, जिसमें जे.एन. मेडिकल  कालिज के प्लास्टिक सर्जनों द्वारा ऑपरेशन के बाद जीवन बदलने वाले तरीके से लाभान्वित हुए अनुवर्ती रोगियों को दिखाया गया।

मुख्य अतिथि डॉ. सुबोध कुमार सिंह ने कटे होंठ और तालु के इलाज, जलने और पुनर्निर्माण सर्जरी में अपनी विशेषज्ञता से उपस्थितजनों का अवगत कराया।
डॉ. सिंह ने व्यापक कटे होंट की देखभाल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। जी एस मेमोरियल अस्पताल, वाराणसी के निदेशक के रूप में, उनके नेतृत्व ने कटे होंठ और तालु के उपचार, जलने और पुनर्निर्माण सर्जरी में वैश्विक मानकों को आकार दिया है। उनके प्रभावशाली काम को ऑस्कर विजेता वृत्तचित्र ‘स्माइल पिंकी‘ और नेशनल ज्योग्राफिक एआईबी पुरस्कार विजेता ‘बर्न्ड गर्ल‘ जैसी प्रशंसाओं के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।
कार्यक्रम के दौरान, प्रोफेसर ए.एच. खान, प्रोफेसर एल.एम. बरियार, प्रोफेसर एम. यासीन के अलावा ओपीडी, ओटी कॉम्प्लेक्स और आपातकालीन ट्रॉमा सेंटर के कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया। प्रोफेसर इमरान अहमद ने भी विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस के बारे में अपने विचार रखे।

विभाग की सीनियर रेजिडेंट्स डॉ. आकांक्षा एवं डॉ. फहद ने अपने अनुभव साझा किये। डॉ. एस. सरफराज अली ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ कृति शेखर ने किया। कार्यक्रम के दौरान वीडियो डॉक्युमेंट्री भी दिखाई गई जिसे डॉ. नोहा रहमान और डॉ. रूपराज ने बनाया था

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एएमयू में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर कार्यक्रम https://www.vplnews.com/2098-2program-on-international-day-against-drug-abuse-and-illicit-trafficking-in-amu/ https://www.vplnews.com/2098-2program-on-international-day-against-drug-abuse-and-illicit-trafficking-in-amu/#respond Thu, 27 Jun 2024 16:25:24 +0000 https://www.vplnews.com/?p=2098 अलीगढ़ 27 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, कॉलेजों और स्कूलों में 26 जून

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अलीगढ़ 27 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, कॉलेजों और स्कूलों में 26 जून को मनाये जाने वाले नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किये गए जिसका उद्देश्य छात्रों में नशीले पदार्थों से दूर रहने और अवैध नशीली दवाओं के व्यापार के दुष्चक्र के खिलाफ सतर्क रहने के लिए जागरूकता पैदा करना था।

डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज और अस्पताल में पिछले दस दिनों में ई-प्रतिज्ञा अभियान, नारा लेखन प्रतियोगिता, स्किट और जागरूकता अभियान सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन करके इस दिवस को मनाया गया। ई-प्रतिज्ञा अभियान द्वारा शिक्षकों और छात्रों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ प्रतिज्ञा लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। ‘नशे को ना कहें, जीवन को हाँ’ नारे के साथ एक व्यक्तिगत प्रतिज्ञा लिंक वितरित किया गया, और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए गए।

पीरियोडोन्शिया और सामुदायिक दंत चिकित्सा विभाग के सार्वजनिक स्वास्थ्य दंत चिकित्सा अनुभाग से सम्बद्ध स्नातक छात्रों और प्रशिक्षुओं ने ‘साक्ष्य स्पष्ट हैः रोकथाम में निवेश करें’ विषय पर एक नारा-लेखन गतिविधि में भाग लिया।

इसके अतिरिक्त छात्रों के एक समूह ने सम्मेलन कक्ष में एक नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें विशेष रूप से किशोरों के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों पर प्रकाश डाला गया।

युवाओं के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग का मुकाबला करने और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने में सहयोगी प्रयासों के महत्व को रेखांकित करते हुए, प्राचार्य, प्रोफेसर आर.के. तिवारी ने पीरियोडोन्शिया और सामुदायिक दंत चिकित्सा विभाग की अध्यक्ष, प्रोफेसर नेहा अग्रवाल, डॉ. प्रमोद के यादव और डॉ. सैयद अमान अली सहित आयोजकों की कड़ी मेहनत की सराहना की।

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग में विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर सैयद जियाउर रहमान द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। उन्होंने इस दिवस के महत्व पर विस्तार से चर्चा की तथा मॉर्फिन की लत के पशु मॉडल पर अपने अध्ययन को साझा किया। उन्होंने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के परिणामों तथा इसके सामाजिक, आर्थिक और चिकित्सीय प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया। बाद में, उन्होंने रेजिडेंट डॉक्टरों, प्रशिक्षुओं और कर्मचारियों को ई-शपथ लेने के लिए प्रेरित किया।

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डॉक्टर वेद प्रकाश गुप्ता नेे किया अपना घर आश्रम के मनोरोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण https://www.vplnews.com/2061-2dr-ved-prakash-gupta-did-health-checkup-of-the-psychiatric-patients-of-apna-ghar-ashram/ https://www.vplnews.com/2061-2dr-ved-prakash-gupta-did-health-checkup-of-the-psychiatric-patients-of-apna-ghar-ashram/#respond Tue, 25 Jun 2024 14:51:25 +0000 https://www.vplnews.com/?p=2061 वीपीएल न्यूज़: अलीगढ़ के रामघाट रोड़ स्थित शुभ सुपर स्पेशलिटी सेंटर व शहर के जानेमाने

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वीपीएल न्यूज़: अलीगढ़ के रामघाट रोड़ स्थित शुभ सुपर स्पेशलिटी सेंटर व शहर के जानेमाने मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर वेद प्रकाश गुप्ता नेे हाथरस स्थित अपना घर आश्रम में रह रहे मनोरोगियों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया।

आपको बताते चले कि अपना घर आश्रम में विभिन्न सार्वजनिक स्थलों से असहाय, बेसहारा, लावारिस व मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्तियों को सेवा एवं उपचार हेतु भर्ती किया जाता है। जहां इन प्रभु स्वरूपों को नि:शुल्क दवा, भोजन, वस्त्र व उपचार उपलब्ध कराया जाता है। आश्रम में रह रहे इन प्रभुजनों में ज्यादातर अपना नाम पता तक नहीं बता पाते हैं और उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं होती है।

डॉक्टर वेद प्रकाश गुप्ता अपना घर आश्रम में मिल रही सेवाओं से प्रभावित होकर अलीगढ़ से हाथरस स्थित अपना घर आश्रम में रह रहे प्रभुजनों का उपचार कर रहे हैं। डॉ. वेद प्रकाश गुप्ता द्वारा बताया गया कि इस प्रकार के सेवा कार्यों में समस्त समाज को जोड़कर कार्य करना चाहिए, जिससे किसी भी असहाय लावारिस व मानसिक विक्षिप्त को दवा, उपचार व भोजन के अभाव में जीवन के अंतिम चरणों में वेदनादायक पीड़ा और असामयिक मृत्यु का शिकार होने से बचाया जा सके।

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. वेद प्रकाश गुप्ता ने बताया कि अपना घर आश्रम हाथरस में इस तरह के असहाय बेसहारा व मानसिक रूप से विकसित लोगों को प्रभु की संज्ञा दी जाती है। अपना घर आश्रम मानव सेवा का वह पावन तीर्थ स्थल है, जहां असहाय बेसहारा व लावारिस एवं मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों को सेवार्थ अपनाया जाता है।

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मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह का आयोजन https://www.vplnews.com/1955-2mental-health-awareness-week-organized/ https://www.vplnews.com/1955-2mental-health-awareness-week-organized/#respond Mon, 27 May 2024 16:09:29 +0000 https://www.vplnews.com/?p=1955 अलीगढ़ 27 मईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (आरएचटीसी) और

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अलीगढ़ 27 मईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (आरएचटीसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), जवां द्वारा मनोचिकित्सा विभाग, एएमयू के सहयोग से प्रोफेसर सायरा मेहनाज, विभागाध्यक्ष, सामुदायिक चिकित्सा विभाग और डॉ. जितेंद्र कुमार के मार्गदर्शन में ‘मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह’ के उपलक्ष्य में एक चर्चा और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।

डॉ. अंकित सिंह (चिकित्सा अधिकारी, सीएचसी, जवां) ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। डॉ. शुभम उपाध्याय (जेआर 2) और डॉ. अमीर अय्यूब (जेआर 1) ने चर्चा के मुख्य विषय पर प्रकाश डाला और डॉ. शैलजा सिंह (एसआर) ने विभिन्न प्रकार के मानसिक स्वास्थ्य विकारों, उनके लक्षणों और उपचारों पर चर्चा की। डॉ. श्रेया अग्रवाल ने मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में समाज में फैले मिथक पर बात की और आरएचटीसी, सीएचसी और जेएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपलब्ध उपचार सुविधाओं पर प्रकाश डाला।

बाद में, आशा कार्यकर्ताओं के लिए एक शैक्षिक शिविर का आयोजन किया गया ताकि उन्हें मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों और रोगियों को सहायता प्रदान करने के तरीके के बारे में जागरूक किया जा सके।

डॉ. शैलजा सिंह ने स्वास्थ्य प्रणाली के जमीनी स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं के महत्व को बरकरार रखा और उन्हें सामान्य मानसिक स्वास्थ्य बीमारियों, उनके लक्षणों और विभिन्न केंद्रों पर उपलब्ध विभिन्न उपचार सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। डॉ. अबसार अहमद, डॉ. हरप्रिया एन., डॉ. शुभम उपाध्याय, डॉ. आदर्श मोहन, डॉ. अजिता, डॉ. चंद्रमौली मित्रा, डॉ. मोहम्मद बिलाल, डॉ. प्रभाकरन एस, डॉ. अमीर अय्यूब और डॉ. श्रेया अग्रवाल ने आशा कार्यकर्ताओं के लिए वार्ता और स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने में मदद की।

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रोबोटिक सर्जरी से स्वास्थ्य सेवा में आ रही क्रांति, अलीगढ़ के मरीज मैक्स हॉस्पिटल में ले सकेंगे एडवांस टेक्नोलॉजी का फायदा https://www.vplnews.com/1931-2robotic-surgery-is-bringing-revolution-in-health-care-patients-of-aligarh-will-be-able-to-take-advantage-of-advanced-technology-in-max-hospital/ https://www.vplnews.com/1931-2robotic-surgery-is-bringing-revolution-in-health-care-patients-of-aligarh-will-be-able-to-take-advantage-of-advanced-technology-in-max-hospital/#respond Wed, 22 May 2024 15:28:55 +0000 https://www.vplnews.com/?p=1931 अलीगढ़ : मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत (नई दिल्ली) रोबोटिक सर्जरी की एडवांस सुविधाएं

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अलीगढ़ : मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत (नई दिल्ली) रोबोटिक सर्जरी की एडवांस सुविधाएं मुहैया करा रहा है, जो अब अलीगढ़ व आसपास के मरीजों के लिए भी आसानी से उपलब्ध हैं. इस एडवांस मेडिकल टेक्नोलॉजी के कई तरह के फायदे हैं, खासकर सुरक्षित सर्जरी में ये काफी लाभदायक है.
मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत (नई दिल्ली) में बेरिएट्रिक, मिनिमल एक्सेस एंड जनरल सर्जरी में सीनियर डायरेक्टर डॉक्टर अतुल एन.सी. पीटर्स के मुताबिक ने इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी.

रोबोटिक सर्जरी क्या है
रोबोटिक सर्जरी में ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर रोबोट का इस्तेमाल करते हैं जिससे सर्जरी बहुत ही सटीकता और सुरक्षित तरीके से पूरी होती है. परंपरागत सर्जरी में बड़े कट लगाने की जरूरत पड़ती थी, जबकि रोबोटिक सर्जरी मिनिमली इनवेसिव होती है यानी इसमें छोटे कट लगाए जाते हैं जिसके चलते मरीज की रिकवरी तेजी से होती है और इंफेक्शन का खतरा कम रहता है.

रोबोटिक सर्जरी के फायदे
1. प्रेसिजन और सटीकता: रोबोटिक सिस्टम में हाई-डेफिनिशन 3 डी तस्वीर और मैग्निफिकेशन मिलता है, जिससे सर्जन पिनपॉइंट सटीकता के साथ ऑपरेशन कर सकते हैं. जो अंग संवेदनशील होते हैं उनकी सर्जरी में ये उपकरण काफी कारगर साबित होता है.
2. मिनिमली इनवेसिव: इसमें छोटे कट या चीरे लगाए जाते हैं जिसकी वजह से शरीर में कम नुकसान पहुंचता है. इससे मरीज को कम दर्द होता है और निशान भी कम रहते हैं. मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया अपनाने से सर्जरी से जुड़े सभी तरह के रिस्क कम हो जाते हैं.
3- तेजी से रिकवरी: जिन मरीजों की रोबोटिक सर्जरी होती है उन्हें आमतौर पर अस्पताल में कम वक्त भर्ती रहना पड़ता है और वो जल्दी अपने रूटीन में लौट आते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऑपरेशन में उनके शरीर को कम नुकसान पहुंचता है और पोस्ट-ऑपरेटिव होने वाली समस्याएं कम ही होती हैं.
4- कम ब्लड लॉस: इसमें सर्जरी के दौरान मूवमेंट पर डॉक्टर का ज्यादा कंट्रोल रहता है, जिसके चलते सर्जरी में ब्लड लॉस के चांस कम हो जाते हैं. इसके कारण ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत कम रहती है और अन्य जटिलताओं का रिस्क भी कम हो जाता है.
5-बहुमुखी: रोबोटिक सर्जरी का इस्तेमाल अलग-अलग रोग के लिए किया जा सकता है. यूरोलॉजी, गायनेकोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक और जनरल सर्जरी में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे में इस एडवांस तकनीक का ज्यादा से ज्यादा मरीजों को फायदा मिल सकता है.

रोबोटिक सर्जरी के लिए मैक्स स्मार्ट हॉस्पिटल को क्यों चुनें?
मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में लेटेस्ट दि विंची रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम मौजूद है, जो सबसे लेटेस्ट रोबोट तकनीक में से है. अस्पताल में बहुत ही अच्छी ट्रेनिंग पाए सर्जन और मेडिकल स्टाफ है जो इस तकनीक को उपयोग करने में सक्षम है.
1-एक्सपर्ट टीम: यहां डॉक्टरों की ऐसी टीम है जिसे रोबोटिक सर्जरी का अनुभव है. इनके अनुभव के चलते मरीजों को सर्जरी में काफी लाभ मिलता है.
2- व्यापक केयर: मरीजों को रोग का पता लगाने से लेकर इलाज और रिकवरी तक की सुविधा यहां मिलती है. अलीगढ़ के मरीज भी इसका लाभ ले सकते है. इसके अलावा अस्पताल मरीज की सभी तरह की परेशानियों का हल करता है.
3- बेहतर सुविधाएं: मैक्स स्मार्ट हॉस्पिटल में शानदार टेक्नोलॉजी के साथ उन्नत मेडिकल सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर है जिससे मरीजों को अच्छा माहौल मिलता है.
4- मरीज केंद्रित दृष्टिकोण: ये अस्पताल मरीजों को पर्सनलाइज्ड केयर मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है. यानी हर मरीज की जरूरतों के हिसाब से उनकी देखभाल की जाती है. इससे मरीज को इलाज में काफी लाभ मिलता है.
5-पहुंचना आसान: अलीगढ़ व आसपास के मरीजों के लिए मैक्स स्मार्ट हॉस्पिटल वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराता है. अस्पताल मरीजों के लिए आने-जाने की सुविधा और रहने की सुविधा मुहैया कराता है ताकि मरीज और उनके परिवारों को मुश्किलों का सामना न करना पड़े.

कुल मिलाकर मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत रोबोटिक सर्जरी के लिए एक सबसे बेहतर जगह है जहां सेफ्टी और सटीकता के साथ इलाज किया जाता है. अलीगढ़ के मरीज अब इस एडवांस सर्जिकल टेक्नोलॉजी का लाभ ले सकते हैं जिससे उनके लिए रिजल्ट अच्छे आएंगे और रिकवरी भी तेजी से होगी. एक्सपर्ट टीम, स्टेट ऑफ आर्ट सुविधाओं और मरीज केंद्रित अप्रोच के साथ मैक्स स्मार्ट हॉस्पिटल मरीजों को बेस्ट क्वालिटी का इलाज मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

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रोबोट की मदद से हो रहे सफल जॉइंट रिप्लेसमेंट, जानिए इससे जुड़े मिथकों की सच्चाई https://www.vplnews.com/1817-2successful-joint-replacement-is-being-done-with-the-help-of-robots/ https://www.vplnews.com/1817-2successful-joint-replacement-is-being-done-with-the-help-of-robots/#respond Thu, 08 Feb 2024 11:03:59 +0000 https://www.vplnews.com/?p=1817 अलीगढ़: बायोप्सी से लेकर हर्निया, हार्ट सर्जरी और ब्रेन सर्जरी में आजकल रोबोटिक प्रक्रियाओं का

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अलीगढ़: बायोप्सी से लेकर हर्निया, हार्ट सर्जरी और ब्रेन सर्जरी में आजकल रोबोटिक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा अब घुटनों और कूल्हों की जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी भी रोबोटिक सिस्टम की मदद से की जा रही है. लेकिन इसे लेकर लोगों के बीच कुछ मिथक भी नजर आते हैं, जिसके चलते वो जरूरत होने के बावजूद रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी कराने से बचते हैं. डॉक्टर रमणीक महाजन बता रहे हैं कि इससे जुड़े क्या मिथक हैं और उनकी क्या सच्चाई है. डॉक्टर महाजन मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी अस्पताल साकेत, नई दिल्ली में सीनियर डायरेक्टर व जॉइंट रिप्लेसमेंट यूनिट (नी एंड हिप) के सीनियर डायरेक्टर हैं.

मिथक: रोबोट करता है सर्जरी
तथ्य: रोबोट सर्जरी का मतलब ये नहीं है कि सर्जरी रोबोट ही करता है. इस तरह की सर्जरी में रोबोट सिर्फ डॉक्टर की मदद करता है ताकि ऑपरेशन पूरी सटीकता से हो सके. रोबोट की मदद से डॉक्टर एकदम सही कट लगा पाते हैं और ट्रांसप्लांटेशन कर पाते हैं. अगर डॉक्टर रोबोट को न चलाए तो वो कुछ नहीं कर सकता. यानी पूरी सर्जरी डॉक्टर ही करते हैं, बस वो इसमें रोबोट की मदद लेते हैं.

मिथक: सर्जरी के वक्त डॉक्टर मरीज के आसपास नहीं होता
तथ्य: रोबोटिक सर्जरी के बाकी मामलों में जहां मरीज से दूर रखे कंसोल के जरिए रोबोट को कंट्रोल करते हैं, जॉइंट रिप्लेसमेंट के मामले में स्थिति उससे पूरी तरह अलग रहती है. यहां रोबोट बस डॉक्टर का एक विस्तार होता है, वो खुद में सर्जन की भूमिका नहीं निभाता.

लोगों को एक बात जो सबसे ज्यादा डराती है वो ये कि रोबोट एक मशीन है, कहीं ये खराब हो गया तो. इसके जवाब में आपको बता दें कि तकनीक ने बहुत तरक्की कर ली है, और बहुत ही उच्च मानकों का उपयोग करके इस प्रणाली को विकसित किया है. इसके अलावा, सर्जन रोबोट का उपयोग करने से पहले उन्हें दोबारा जांचता है. ऑपरेशन के दौरान पूरी तरह से कंट्रोल सर्जन का होता है. इसके अलावा इसमें सेफ्टी फीचर्स भी हैं जिससे किसी तरह का खतरा नहीं होता.

मिथक: सभी रोबोटिक तकनीक एक जैसी होती हैं
तथ्य: हर तकनीक दूसरे से अलग होती है. इसलिए टेक्नोलॉजी की क्लिनिकल हिस्ट्री को समझना बहुत जरूरी होता है. इस तकनीक की मदद से की गई सर्जरी और क्लिनिकल लीगेसी जैसी चीजें समझकर ही इसे चेक किया जा सकता है.

मिथक: रोबोटिक सर्जरी से बेहतर है परंपरागत सर्जरी
तथ्य: परंपरागत नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी में सर्जन पुराने टूल्स का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में ये सर्जन की काबिलियत पर निर्भर करता है कि वो किस अच्छे ढंग से उनको उपयोग में ला सके. इसमें सर्जिकल प्लानिंग भी वहीं सर्जरी टेबल पर की जाती है. जबकि रोबोटिक प्रक्रिया में सर्जन ये प्लानिंग ऑपरेशन थिएटर में एंट्री लेने से पहले ही कर सकते हैं. उनके पास इसके लिए 3-डी सीटी आधारित वर्चुअल प्लान होता है, जिससे मरीज के घुटने और बॉडी संरचना की तस्वीर मिल जाती है. इसका फायदा ये होता है कि डॉक्टर बिना किसी चूक या गलती के इम्प्लांटेशन कर पाते हैं.

इसका एक और फायदा ये होता है कि भले ही इम्प्लांटेशन की जरूरत के हिसाब से कट का साइज बड़ा हो लेकिन रोबोटिक सर्जरी में टिशू का डैमेज बहुत कम होता है और जोड़ों के नैचुरल स्ट्रक्चर पर भी कम असर होता है. इसमें दर्द बहुत कम होता है और मरीज की रिकवरी भी तेजी से होती है. ये ज्यादा महंगा भी नहीं है. सर्जरी में इस्तेमाल होने वाली चीजों के हिसाब से अस्पताल सरचार्ज लगाते हैं जो काफी कम होता है.

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स्तन से हटाया गया 4.5 किलो का ट्यूमर, सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में की गई सफल सर्जरी https://www.vplnews.com/4-5-kg-tumor-removed-from-breast-successful-surgery-done-at-ck-birla-hospital-gurugram/ https://www.vplnews.com/4-5-kg-tumor-removed-from-breast-successful-surgery-done-at-ck-birla-hospital-gurugram/#respond Thu, 25 Jan 2024 14:54:19 +0000 https://www.vplnews.com/?p=1814 वीपीएल न्यूज़: सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में स्तन कैंसर के एक बेहद जटिल मामले का सफलतापूर्वक

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वीपीएल न्यूज़: सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में स्तन कैंसर के एक बेहद जटिल मामले का सफलतापूर्वक इलाज किया गया है. एक पीएचडी छात्रा के स्तन में पांच महीनों से गांठ थी, जिसे वो इग्नोर करती रहीं. सीके बिरला अस्पताल में 4.5 किलो का ये ट्यूमर निकाला गया जो 23 सेंटीमीटर का था. ये ट्यूमर फिलोड्स ट्यूमर था जिसमें पूरे स्तन को निकालना जरूरी होता और फिर स्तन की रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी की जाती है. जब मरीज के स्तन में ये गांठ पनपनी शुरू हुई तो उन्होंने इसे इग्नोर किया और पांच महीने तक लापरवाही बरती. इसका नुकसान ये हुआ कि गांठ 2 सेंटीमीटर से बढ़कर 23 सेंटीमीटर की हो गई. जब मरीज सीके बिरला अस्पताल पहुंचीं तो यहां फिलोड्स ट्यूमर डायग्नोज हुआ. इस स्थिति में स्तन को बचा पाने की संभावनाएं नहीं रहतीं.

सीके बिरला अस्पताल में ब्रेस्ट सेंटर के हेड व लीड कंसल्टेंट और इस मामले के लीड सर्जन डॉक्टर रोहन खंडेलवाल ने बताया, ”जब मरीज हमारे पास पहुंचीं तो उनके पूरे स्तन में एक बड़ी गांठ थी जिनकी पहचान फिलोड्स ट्यूमर के रूप में हुई. इस ट्यूमर का साइज देखते हुए मरीज की ट्यूमर रिमूवल सर्जरी करनी पड़ी जिसमें उनका बायां स्तन पूरी तरह हटाना पड़ा. हालांकि, ट्यूमर हटाने के बाद में पूरे स्तन को रिकंस्ट्रक्ट कर दिया गया. इस केस से एक बात सामने आती है कि अगर गांठ में दर्द न भी हो तो उन्हें इग्नोर करना सही नहीं है, खासकर अगर उनके साइज में वृद्धि हो रही हो तो इस पर जरूर मेडिकल हेल्प लें.”

फिलोड्स ट्यूमर एक रेयर बीमारी होती है. अगर इसका जल्दी पता चल जाता है, तो आमतौर पर कीमोथेरेपी के बिना भी इसका इलाज किया जा सकता है. हालांकि ये जो केस था, उसमें ट्यूमर को पूरी तरह हटाने के लिए स्तन को हटाना जरूरी था.

डॉक्टर रोहन ने जोर देकर कहा, ”अगर मरीज तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर के पास आ जाए तो हम स्तन को बचा पाते हैं. हालांकि, जब ट्यूमर काफी बढ़ जाता है जैसा कि इस मामले में हुआ था, वहां स्तन रिमूव करके रिकंस्ट्रक्ट करना ही एक अच्छा ट्रीटमेंट प्लान होता है.”

स्तन से सफलतापूर्वक 4.5 किलो का ट्यूमर हटाना और फिर ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्ट सर्जरी करना, सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम की एडवांस मेडिकल केयर अप्रोच को दर्शाता है. सर्जरी के बाद मरीज की रिकवरी हो रही है. ट्रीटमेंट प्लान के हिसाब से उन्हें रेडियोथेरेपी दी जाएगीI ये एक ऐसा केस था जिसमें उच्च शिक्षा प्राप्त एक युवती ने अपनी हेल्थ समस्या से जुड़े लक्षणों को सीरियसली नहीं लिया. सीके बिरला अस्पताल हर किसी से ये अपील करता है कि अपनी सेहत को हल्के में न लें और अगर किसी को स्तन में गांठ महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. खासकर, अगर स्तन की गांठ में दर्द न हो और उसका साइज लगातार बढ़ रहा हो तो जरूर डॉक्टर को दिखाएंI

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