एएमयू के जनसंचार विभाग में सोशल मीडिया और मानसिक स्वास्थ्य पर व्याख्यान
अलीगढ़ 30 जनवरीः मर्सर यूनिवर्सिटी, जॉर्जिया की प्रोफेसर सुनीता बी. मान्यम ने फ्रैंक एंड डेबी इस्लाम ऑडिटोरियम में ‘सोशल मीडिया एंड मेंटल हेल्थ’ पर व्याख्यान दिया, जिसका आयोजन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा 27 जनवरी को किया गया था।
अपने व्याख्यान में प्रो सुनीता ने उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की तकनीकी दुनिया में हम रहते हैं, हममें से कई लोग अपने दोस्तों को ढूंढने और उनसे बात करने के लिए फेसबुक, ट्विटर, स्नैपचैट, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया साइटों का उपयोग करते हैं। भले ही इन साइटों के अपने फायदे हैं, लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया कभी भी वास्तविक जीवन की बातचीत को प्रतिस्थापित नहीं कर सकता है और उन पर बहुत अधिक समय बिताने से आप अकेलापन महसूस कर सकते हैं और चिंता, अवसाद, एडीएचडी, भावनात्मक विक्षोभ आदि जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।
फाउंडेशन फॉर एविडेंस-बेस्ड रिसर्च इन इंडिया के क्लिनिकल काउंसलर और सीनियर रिसर्च फेलो प्रो मान्यम ने नागरिकों, खासकर युवाओं के बीच सोशल मीडिया के मानसिक निहितार्थ पर विस्तार से बात की। उन्होंने चिंता, अवसाद, फोकस की कमी और युवाओं में प्रचलित अन्य जटिलताओं सहित कई मुद्दों पर चर्चा की और कोविड-19 महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य को कैसे चुनौती दी गई, इस पर चर्चा की।
उन्होंने सोशल मीडिया के कारण होने वाली चिंता और अवसाद से निपटने के लिए परामर्श तकनीकों को रेखांकित किया और सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए ध्यान, माइंडफुलनेस तकनीक, पारिवारिक बातचीत, खुले में सैर आदि का सुझाव दिया।
एफईडीआई के सचिव डॉ दाउद सलीम फारूकी ने सोशल मीडिया के हमारे जीवन पर हावी होने के मद्देनजर इस तरह के आयोजनों के महत्व पर जोर दिया। विभागाध्यक्ष प्रो पिताबास प्रधान ने अतिथि वक्ता का स्वागत किया और डॉ. हुमा परवीन ने कार्यक्रम का संचालन किया।