लेखक समाज का दर्पण ही नहीं, मार्गदर्शक भी हैः प्रो॰ पी बी शर्मा

लेखक समाज का दर्पण ही नहीं, मार्गदर्शक भी हैः प्रो॰ पी बी शर्मा

अमुवि विख्यात साहित्यकार व कवयित्री कुसुम अंसल का अभिनंदन एवं साहित्य गोष्ठी

अलीगढ़ 29 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय केे आज प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था आईडिया कम्यूनिकेशन्स एवं उर्दू विभाग, अमुवि के तत्वावधान में हिंदी की सुप्रसिद्ध लेखिका डा॰ कुसुम अंसल को समर्पित एक साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों में अमेटी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो॰ पी बी शर्मा, टीवी व थियेटर आर्टिस्ट रमा पांडेय, लेखक व आईडिया के डायरेक्टर आसिफ आजमी शामिल रहे, जबकि गोष्ठी को अंग्रेजी विभाग की प्रो विभा शर्मा, हिंदी की डा शगुफ्ता नियाज, उर्दू के प्रो कमरुलहुदा फरीदी, प्रो तारिक छतारी, प्रो मुहम्मद अली जौहर ने भी संबोधित किया। संचालन डा मामून रशीद ने किया जबकि डा॰ मुहम्मद शारिक ने मुख्य कार्यकारी की भूमिका निभाई। इस अवसर पर डा॰ कुसुम अंसल के नए उपन्यास “तेरा पत्र मिला” का विमोचन भी किया गया तथा एक प्रशस्ति पत्र एवं शाल भेंट कर सम्मानित भी किया गया।

अपने संबोधन में प्रो॰ पी बी शर्मा ने कहा कि लेखक समाज का दर्पण नहीं, मार्गदर्शक है। टेक्नॉलजी के युग में साहित्य को जिंदा रखना हम सब का कर्तव्य है। लेखिका कुसुम ने कार्यक्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि मैं अमुवि की पूर्व छात्रा हूँ। अलीगढ़ की संस्कृति मेरे कलम ही नहीं, अपितु मेरे जीवन का हिस्सा है। उन्होंने अलीगढ़ नुमाइश पर अपनी कविता भी सुनाई।

आसिफ आजमी ने कहा कि साहित्य वही जीवित और प्रासंगिक रहता है जो मिट्टी और जीवन से जुड़ा होता है। आत्मा और अंतर्मन की पीढ़ियों का युग बीत चुका है। उन्होंने कहा कि कुसम अंसल का लेखन समकालीन समाज की नई चुनौतियों का वर्णन है। रमा पांडेय ने कहा कि कुसम अंसल स्त्री विमर्श से बढ़कर महिला सशक्तिकरण एवं महिलाओं की पीड़ाओं से समाज को रूबरू कराने वाली लेखिका हैं। प्रो॰ विभा शर्मा ने रील देखने वाली युवा पीढ़ी को किताबें पढ़ने हेतु प्रेरित किया तो डा॰ शगुफ्ता नियाज ने कुसम अंसल के नए उपन्यास “तेरा पत्र मिला” पर समीक्षा करते हुए पत्राचार बाक़ी रखने की आवश्यकता पर बल दिया। डा॰ फरीदी ने कहा कि साहित्य में रुचि कम होने पर चिंता जताई तो डा॰ तारिक़ छतारी ने विस्तार से हिंदी-उर्दू के परस्पर संबंधों पर चर्चा की। इस अवसर पर अमुवि के विभिन्न संकाय के अध्यापक एवं बड़ी तादाद में छात्र-छात्राएं के अलावा पारिवारिक सदस्य सुशील अंसल, विनोद सहगल एवं सुबोध सहगल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन यूनिवर्सिटी तराना एवं राष्ट्रगान से हुआ।

Vplnews

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