जेएनएमसी में एमबीबीएस, बीडीएस के नए छात्रों के लिए व्हाइट कोट समारोह आयोजित
अलीगढ़ न्यूज़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कालिज के आडीटोरियम में बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) और बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) के नए छात्रों की व्हाइट कोर्ट सेरेमनी आयोजित हुई जिसमें उन्होंने सफेद कोट पहनकर चिकित्सा पेशे की नैतिकता को बनाए रखने का संकल्प लिया और एक नए करियर की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने हिप्पोक्रकेट शपथ भी ली।
नए छात्रों को संबोधित करते हुए एएमयू के वाइस चांसलर प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि आप सभी इस नई यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं और उम्मीद है कि आप ज्ञान और कौशल से जुड़ेंगे और रिश्तों के मायने समझेंगे। छात्रों को यह ध्यान रखना चाहिए कि वे चिकित्सा और दंत विज्ञान के प्रतिष्ठित व्यवसायों में प्रवेश कर रहे हैं जिसमें सेवा और व्यक्तिगत बलिदान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने कहा कि जेएनएमसी और डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज भारत के सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों में से एक हैं और यहां एक अनूठा वातावरण है जो छात्रों को चिकित्सा और दंत चिकित्सा के क्षेत्र में कई विकासों के बारे में बताता है और अकादमिक उपलब्धियों के लिए तैयार करने में मदद करता है। ये दोनों कॉलेज एएमयू का एक विशेष हिस्सा हैं, छात्रों को संस्कृति से समृद्ध करते हैं और उच्च शिक्षा के विशिष्ट संस्थान हैं जहां छात्रों को भविष्य के जीवन के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है।
प्रो. एमयू रब्बानी (डीन, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन) ने कहा कि छात्र सफेद कोट पहनकर कुछ नैतिक मानकों को बनाए रखने की प्रतिज्ञा करते हैं।यह उनके माता-पिता के लिए भी एक यादगार पल है, जिन्हें वह डॉक्टर और दंत चिकित्सक बनते देखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल पेशा जीवन बचाने का एक अवसर है और डॉक्टरों को अपनी क्षमता के अनुसार रोगियों का इलाज करना चाहिए, रोगी की गोपनीयता का सम्मान करना चाहिए और आने वाली पीढ़ी को चिकित्सा और स्वास्थ्य के सिद्धांतों से परिचित कराना चाहिए।
प्रोफेसर राकेश भार्गव (प्रिंसिपल, जेएनएमसी) ने कहा कि अगले साढ़े चार वर्षों में मेडिकल और डेंटल छात्रों को आधुनिक शिक्षण और अनुसंधान और उपचार के सिद्धांतों से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने नए छात्रों से विनम्रता, साहस, त्याग और धैर्य जैसे गुणों को विकसित करने का आग्रह किया।
प्रो राजेंद्र कुमार तिवारी (प्रिंसिपल, जेडएडीसी) ने कहा कि सफेद कोट समारोह सिर्फ एक रस्म नहीं है बल्कि एक छात्र के आगामी करियर और पेशे की जिम्मेदारियों को समझने का अवसर है। सभी नए छात्रों को यह ध्यान रखना चाहिए कि वे जिस पेशे में प्रवेश कर रहे हैं, उसमें रोगियों के हितों को प्राथमिकता देना और ईमानदारी के मानकों को स्थापित करना सर्वाेपरि है।
प्रोफेसर तमकीन खान (स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग) ने छात्राओं को हिप्पोक्रेटिक शपथ दिलाई। डॉ. शगुफ्ता मोईन (जैव रसायन विभाग, जेएनएमसी) ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया, जबकि डॉ. नफीस फैजी (सामुदायिक चिकित्सा विभाग) ने कार्यक्रम का संचालन किया। जेएनएमसी एवं जेडएडीसी के वरिष्ठ चिकित्सकों ने नवागुंतक छात्रों को व्हाइट कोट पहनाया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों के अभिभावकग्रण भी मौजूद रहे।